भारत एक विविधताओं का देश है जहां पर अनेक धर्मों के लोग एक साथ बड़े सामंजस्य के साथ रहते हैं परंतु गरीबी के कारण कुछ चंद लोग जहां अपनी रोटी सेकने में लगे रहते हैं इससे गरीब और गरीब होता चला जाता है क्या गरीब की दशा कभी यहां सुधर पाएगी ऐसा लग नहीं रहा है फिर भी आज नहीं छोड़नी चाहिए
क्या कभी गरीबों का भी कुछ अच्छा हो सकता है या फिर इस भारत में सदा गरीब राजनीति का शिकार ही होता रहेगा