यूपी का संतकबीरनगर जिला. यहां के मेहदावल विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं राकेश सिंह बघेल. बीजेपी के नेता हैं. कोर्ट के आदेश पर विधायक जी के खिलाफ फर्जी कोविड रिपोर्ट बनवाने का मुकदमा दर्ज हुआ है. साथ में जिले से मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर भी केस दर्ज किया गया है. ये पूरा मामला कैसे रचा गया और कैसे इसका भेद खुला, चलिए बताते हैं आपको.
ये है पूरा मामला
साल 2010 में इलाके के बखिरा थाने में राकेश सिंह बघेल के खिलाफ एक केस दर्ज किया गया था. मामला था हत्या के प्रयास और लोकसंपत्ति को नुकसान पहुंचाने का. एमपी-एमएलए कोर्ट में मामला चल रहा था. 9 अक्टूबर 2020 को बीजेपी विधायक राकेश बघेल की ओर से वकील ने कोर्ट में हाजिरी माफी का प्रार्थनापत्र पेश किया. इसमें बताया गया था कि विधायक जी कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं.
सांसद/विधायक न्यायालय के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दीपकांत मणि की कोर्ट में इस बात की पुष्टि जिले के सीएमओ डॉक्टर हरगोविंद सिंह ने की थी. सीएमओ ने कहा था कि विधायक को होम आइसोलेशन में डाला गया है. दरअसल पिछले कुछ सालों से विधायक के कोर्ट में पेश ना होने के कारण इस मामले में कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही थी. कोर्ट ने विधायक को तलब किया तो उनकी ओर से कोविड रिपोर्ट पेश कर दी गई.
एक गवाही ने बदली तस्वीर
इसके बाद कोर्ट ने होम आइसोलेशन टीम के सदस्य डॉक्टर विवेक श्रीवास्तव को बुलाया. विवेक ने कोर्ट से कहा कि होम आइसोलेशन की अवधि के दौरान विधायक ना तो अपने घर पर मौजूद थे और ना ही फोन पर उनसे संपर्क हो सका. कोर्ट को होम आइसोलेशन टीम ने कहा कि दो बार टीम उनके घर गई लेकिन वह घर पर नहीं मिले.
इस पर कोर्ट ने पेश की गई कोविड रिपोर्ट को नकली माना और आपदा प्रबंधन अधिनियम के उल्लंघन के आरोप में पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए. कोर्ट ने कहा कि विधायक घर पर नहीं थे फिर भी सीएमओ की ओर से उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. कोर्ट ने उनपर जालसाजी और षडयंत्र की धाराओं में केस दर्ज करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि सीएमओ ने अपना दायित्व ठीक से नहीं निभाया.
पुलिस ने दर्ज किया मामला
क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी गया दत्त मिश्रा ने बताया कि माननीय न्यायालय द्वारा एक आदेश आया है जिस पर वैधानिक कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि खलीलाबाद कोतवाली में बीजेपी विधायक मेंहदावल राकेश सिंह बघेल और सीएमओ हरि गोविंद सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. कोतवाली प्रभारी ने भी बताया कि कोर्ट के आदेश पर दोनों के खिलाफ (विधायक और सीएमओ) सुसंगत धाराओं में केस दर्ज किया है.
इंडिया टुडे से जुड़े रिपोर्टर आलमगीर ने बताया कि साल 2010 में राकेश सिंह बघेल, ब्लॉक प्रमुख थे. बखिरा थाने में उन पर केस दर्ज हुआ था. पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी थी. इसके बाद भी विधायक कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे. कोर्ट ने उनको व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया था. इसके बाद भी वे कोर्ट में पेश नहीं हुए और खुद को होम आइसोलेशन में बता दिया.
इस मामले में हमने विधायक राकेश सिंह बघेल का पक्ष जानने की भी कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका. उनका जवाब आता है तो हम ज़रूर बतायेंगे.