*ओर कितनी किसान हितेषी सरकार चाहिए दो हज़ार रुपये तो दे दिए और के चाह*
●पिछले 4 सालो मे गन्ने का भाव वहीं का वहीं है -----रै दो हज़ार रपे तो दे दिए मोदी ने
●टयूबवैल की बिजली का बिल 10000 से 22000 हो गया है----- र दो हज़ार तो दे दिए मोदी ने
●पेस्टीसाइड के दाम लगभग दोगुने हो गये है-- तो के हुया दो हज़ार तो दे दिए
●घर की बिजली पहले से तीन गुनी महंगी हो गयी है-----दो हज़ार तो दे दिए मोदी ने
●यूरिया का कट्टा 50 से 45 किलो का हो गया है---रै दो हज़ार तो दे दिए मोदी नै
●खेती के उपकरण लगभग डेढ गुने महंगे हो गये है----दो हज़ार तो दे दिए
●गन्ने का भुगतान भी पहली सरकारो की अपेक्षा बहुत कम हुआ है--- देख दो हज़ार😡
●सभी फसले MSP से आधे मूल्य पर खरीदी जा रही है--मैं नू कहु दो हज़ार तो दे दिए
●किसानो को डाई पर डायरेक्ट सब्सिडी देने का ड्रामा करके सब्सिडी खत्म कर दी --- रै दो हज़ार दिए किसी न इब लोक😡😡
●डीजल के दाम पर कोई लगाम नही , डीजल और पेट्रोल लगभग एक दाम मे बिक रहे है --- तू बावला है के दो हज़ार तो दे दिए😕
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हर बात का जवाब रुपये दो हज़ार🤫🤫🤫🤫
इब इन दो हज़ार को भी देख लो
लफ़्फ़ाज़ ने किसानों को चाँद बना दिया है- अब उनकी संख्या और आकार दोनों बदलते रहते हैं!
पीएम किसान निधि योजना के लाभार्थी:
पहली किस्त: 10.26 करोड़ किसानों को
दूसरी किस्त: 9.89 करोड़ किसानों को
तीसरी किस्त: 9.00 करोड़ किसानों को
चौथी किस्त: 7.73 करोड़ किसानों को
पांचवीं किस्त: 6.48 करोड़ किसानों को
छठीं किस्त: 3.77 करोड़ किसानों को
सातवीं क़िस्त: 9 करोड़ किसानों को मिली है (*ये आंदोलन की वजह से बढाने पड़े वरना इबकै 1 करोड़ को भी नही देते ये* )
सवाल है कि छठी में 6.12 करोड़ किसान ग़ायब कैसे हुए? और हुए तो सातवीं में वापस कैसे आ गए?
इबकै कोई पिल्ला भौंके न दो हज़ार दो हज़ार उसै नू कहियो तू डीज़ल ही 2014 के भा दुवा दे। 2000 तझै हर साल मैं दे दुंगा।
साभार- सचिन तोमर लोयन मलकपुर