दारुल उलूम ने मास्क लगाना अनिवार्य किया, कक्षाओं में भी नहीं मिलेगा प्रवेश
संस्था के मोहतमिम ने जारी की गाइडलाइन, बिना मास्क कमरों से बाहर निकलने, इधर उधर थूकने पर भी लगी पाबंदी
देवबंद, 18 फरवरी। आगामी 24 फरवरी से विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम में शिक्षण कार्य आरंभ हो जाएगा। बाहरी छात्रों को बुलाने के लिए एलान भी जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही दारुल उलूम प्रबंधतंत्र ने छात्रों के रहन सहन और कक्षाओं में प्रवेश को लेकर गाइडलाइन जारी की है।
दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी बनारसी की ओर से जारी की गई हिदायत में संस्था में आने वाले छात्रों के लिए मास्क के इस्तेमाल को अनिवार्य किया गया है। कहा कि मास्क के बगैर कमरों से बाहर न निकलें और न ही कक्षाओं में प्रवेश करें। अपना मास्क किसी दूसरे को इस्तेमाल के लिए न दें। इतना ही नहीं मोहतमिम मौलाना बनारसी ने कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए छात्रों के इधर उधर थूकने पर भी पाबंदी लगाई है। साथ ही कहा कि खाना लेने के लिए लाइन में खड़े होने के लिए कम से कम छह फुट की दूरी बनाकर रखें। खाने के बर्तन ढककर रखें और पोलीथीन के इस्तेमाल से बचें। रोटी को कपड़े से ढककर रखें तथा बर्तन लेने और देने से परहेज करें। बताया कि आसपास के जनपदों से छात्रों के संस्था में पहुंचने का सिलसिला शुरु हो चुका है। वहीं, मदरसा जामिया तुश शेख हुसैन अहमद अल मदनी के मोहतमिम मौलाना मुजम्मिल अली ने बताया कि संस्था में पहुंचने वाले छात्रों को स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार ही कक्षाओं में बैठने की अनुमित दी जा रही है। यदि कोई छात्र गाइडलाइन का पालन नहीं करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।