पूजा सिंह दिल्ली: मां ही थी वो
पैदा होने पर दुखी सब थे
दर्द के बाद भी
खुश मेरी मां थी
दफनाना तो चाहा सब ने
मुझे बचाने वाली
मेरी मां थी
शिक्षा से नकारा सब ने
शिक्षा देने वाली
मेरी मां थी
कॉलेज के लिए रोका सब ने
कॉलेज भेजने वाली
मेरी मां थी
लड़के वालों से बात की सब ने
मेरी इक्छाए पूछने वाली
मेरी मां थी
कौन
तितली पूछ रही मैं हु कौन
फूलो की दीवानी मैं
तो तू है कौन
फूलो में लहराती बलखाती मैं
फूलो की दीवानी मैं
तो तू है कौन
फूलो के रंगों के रंग जैसी मैं
उसके रंग को भाऊ में
उसके रंगों में स्माऊ मैं
तो तू है कौन
फूलों की दीवानी मैं
फूलो की मतवाली मैं
फूलो की तरह दिखती मैं
तो तू हैं कौन
फूलो पर जब तू है विराजता
फूलो की मुसकान फीकी पड़ जाती
तो तू हैं कौन
बच्चें भी है डरते तेरे से
संग चलते मेरे पीछे
जब तक हाथ न आऊं
जब तक रहते संग मेरे
तो तू है कौन
पूजा सिंह
दिल्ली
9013113172