कटा हाथ बैग में रख 8km दूर अस्पताल पहुंची लड़की:बस की खिड़की से बाहर निकाल रखा था हाथ, ट्रैक्टर-ट्रॉली से कटकर सड़क पर गिरा
बारां
बारां सदर थाना क्षेत्र में बुधवार शाम रोडवेज बस में सफर कर रही लड़की का हाथ बाजू से अलग होकर सड़क पर गिर गया। हादसा पास से निकल रही ट्रैक्टर ट्रॉली की चपेट में आने से हुआ। लहूलुहान हालत में दर्द से बिलखती लड़की और उसकी सहेली को बस ड्राइवर वहीं उतारकर चला गया। आंधे घंटे तक रोती बिलखती सहेली के लिए राहगीरों से मदद मांगी, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। जिसके बाद बारां रहने वाली एक सहेली को कॉल कर मदद मांगी। स्कूटी लेकर सहेली पहुंची तो कटा हाथ बैग में रखकर तीनों हॉस्पिटल रवाना हुई। आठ किलोमीटर दूर बारां जिला अस्पताल पहुंचाया। हालत गंभीर देखते हुए तुरंत कोटा रेफर कर दिया। घायल लड़की का कोटा जिला हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।
बारां जिला हॉस्पिटल चौकी पर तैनात कांस्टेबल सुकेश चौधरी ने बताया कि हादसा मांगरोल निवासी ज्योति (18) पुत्र अमर चंद के साथ हुई। वह निजी कॉलेज से बीए फर्स्ट ईयर में स्टेंडी कर रही है। बुधवार को वह कॉलेज में पढ़ने वाली एक सहेली के साथ बारां गई थी। शाम करीब 7 बजे बारां डिपो की रोडवेज बस से दोनों वापस घर लौट रही थी। सफर के दौरान ज्योति ने खिड़की से हाथ बाहर निकाल रखा था। मांगरोल रोड पर बस के पास से ट्रैक्टर ट्रॉली निकली। ट्रॉली में लगी लोहे की एंगल की चपेट में आने से हाथ बाजू से कटकर नीचे सड़क पर गिर गया।
मचा हंगामा, ड्राइवर दोनों को उतार गया
हाथ कटते ही ज्योति खून से लथपथ हो गई। ज्योति के दर्द से चिल्लाने से बस में सवार यात्रियों में हंगामा मच गया। घटना का पता चलने पर ड्राइवर ने बस को रोका। मदद की जगह ड्राइवर ने रोड पर ही लहूलुहान ज्योति और उसकी सहेली को उतार दिया और बस लेकर वहां से रवाना हो गया। दर्द से ज्योति बिलखती रही तो सहेली रोते हुए राहगीरों से मदद मांगती रही। घटनास्थल पर पड़ा हाथ और दर्द से बिलखती लड़की को देखने के बाद भी कोई भी वाहन चालक नहीं रूका।
10 किलोमीटर दूर सहेली से मांगी मदद
ज्योति के साथ मौजूद सहेली ने रोते हुए बारां में रहने वाली सहेली प्रमिला को कॉल कर मदद मांगी। हादसे का पता चलते ही 10 किलोमीटर दूर से प्रमिला स्कूटी लेकर पहुंची। दोनों सहेलियों ने खून से लथपथ ज्योति के हाथ को कपड़ों से बांधकर खून रोकने का प्रयास किया। जिसके बाद कटा हाथ बैग में रखकर ज्योति को स्कूटी के बीच में बैठाकर 8 किलोमीटर दूर स्थित बारां जिला हॉस्पिटल पहुंचाया। जहां हालत गंभीर देखते हुए डॉक्टर्स ने प्राथमिक उपचार के बाद कोटा हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया। कोटा के हॉस्पिटल में उसका इलाज चल रहा है।
ज्योति ने हिम्मत नहीं हारी
बारां जिला हॉस्पिटल में प्राथमिक उपचार के दौरान जिला हॉस्पिटल चौकी से कांस्टेबल सुकेश मौके पर पहुंचा। ज्योति ने पुलिस कांस्टेबल से कहा मेरी मम्मी से बात करा दो। कुछ देर बाद मम्मी-पापा हॉस्पिटल पहुंचे। बेटी की हालत देखकर मां बेहोश हो गई