बिसाहड़ा कांड में पूर्व विधायक संगीत सोम को सजा, गौतमबुद्ध नगर कोर्ट से आया फैसला
ग्रेटर नोएडा , गौतमबुद्ध नगर से आज की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय की अदालत ने सरधना से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक संगीत सोम को सजा सुनाई है।
संगीत सोम के खिलाफ यह फैसला बिसाहड़ा कांड से जुड़ा है।
आपको बता दें कि 28 सितंबर 2015 की रात को हत्या का आरोप लगाकर बुजुर्ग अखलाक की भीड़ ने हत्या कर दी थी।
उनके बेटे दानिश को भी अधमरा कर दिया था।
इस वारदात के बाद पूर्व विधायक संगीत सोम ने बिसाहड़ा गांव में जाकर भड़काऊ बयान दिया था।
*क्या है मामला*
दादरी क्षेत्र के बिसाहड़ा गांव में 28 सितंबर 2015 की रात को हत्या का आरोप लगाते हुए भीड़ ने अखलाक के घर पर हमला कर दिया था।
इस हमले में अखलाक की हत्या कर दी गई थी। उनके बेटे को भीड़ ने पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था।
परिवार के अन्य सदस्यों को भी पीटा गया था। इसके बाद तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार ने कार्यवाही की।
उस कार्यवाही की खिलाफत करते हुए सरधना से तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी के विधायक संगीत सोम 4 अक्टूबर को बिसाहड़ा गांव में पहुंचे।
संगीत सोम के खिलाफ पुलिस ने निषेधाज्ञा यानी सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में आईपीसी की धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज किया। उन पर भड़काऊ बयान देने का आरोप भी था।
*संगीत सोम के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की*
उस मामले में पुलिस ने संगीत सोम के खिलाफ आरोप पत्र गौतमबुद्ध नगर के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय की अदालत में दाखिल किया। जिस पर सुनवाई चल रही थी।
अब गुरुवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय ने पूर्व विधायक संगीत सोम को दोषी करार दिया है।
संगीत पर निषेधाज्ञा तोड़ने का दोष सिद्ध करते हुए ₹800 का अर्थदंड लगाया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व विधायक ने अर्थदंड की राशि अदालत में जमा कर दी है।
आपको बता दें कि बिसाहड़ा कांड से जुड़े मुख्य मुकदमे की सुनवाई जिला न्यायालय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही है।
जिसमें पिछले दिनों अखलाक की बेटी शाइस्ता ने बयान दर्ज करवाए थे।
इस मामले में शाइस्ता चश्मदीद गवाह है।
*अखलाक हत्याकांड में कब क्या हुआ*
28 सितंबर 2015 की रात बिसाहड़ा गांव में भीड़ ने अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
24 दिसंबर 2015 को गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने हत्याकांड के 15 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
31 जुलाई 2017 को इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी विशाल राणा को हाईकोर्ट ने जमानत दी थी।
15 अक्टूबर 2017 को स्थानीय विधायक की मदद से हत्याकांड के 15 आरोपी युवकों को एनटीपीसी में नौकरी दी गई।
12 फरवरी 2021 को जिला न्यायालय ने सभी 12 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए।
14 जून 2022 को चश्मदीद गवाह और तहरीर की लेखक शाहिस्ता ने अदालत में बयान दर्ज करवाया। शाहिस्ता अखलाक की बेटी है।
13 अक्टूबर 2022 को बिसाहड़ा कांड को लेकर भड़काऊ भाषण देने का दोष पूर्व विधायक संगीत सोम पर सिद्ध पाया गया।
उन पर अदालत ने ₹800 का अर्थदंड लगाया।✍🏻