भू माफिया के खिलाफ धरने पर बैठे बूढ़ा हो चुका एक महान आंदोलनकारी पूछता है सरकारों से जांच तो सही पाई गई फिर क्यों नहीं हुई कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी के आदेश पर हुई जांच रिपोर्ट  पर भूमाफियाओं  पर क्या कार्यवाही हुई  मास्टर विजय सिंह

चौसाना  सार्वजनिक भूमि घोटाले को लेकर
मास्टर विजय सिंह जिलाधिकारी रविंद्र सिंह को मिले 


सीएम योगी की कराई जांच रिपोर्ट में भी हो चुका सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जा साबित। 4 साल से नहीं की कोई कार्रवाई।


जनपद शामली के गांव चैसाना की 4 हजार बीघा सार्वजनिक भूमि पर है ठाकुर भूमाफिया का अवैध कब्जा ।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के द्वारा गठित कमेटी ने भी कोई जाँच व कार्रवाई नहीं की।

 28 वर्ष के दौरान शासन-प्रशासन द्वारा कोई समीक्षा नहीं की गई।

28 साल का धरना बना दुनिया का सबसे लम्बा धरना, विभिन्न रिकाॅर्ड में दर्ज।


शामली :-भूमाफियाओं व भ्रष्टाचार के खिलाफ पिछले 28 सालों से मुजफ्फरनगर में धरने पर बैठे आन्दोलनकारी मास्टर विजय सिंह  आज जिलाधिकारी रविंद्र सिंह से मिलकर चौसाना भूमि घोटाले पर कार्यवाही की मांग की. 

 8 अप्रैल 2019 को जनपद शामली में  मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की सभा मे   ज्ञापन  दिए थे जिन पर मुख्यमंत्री जिलाधिकारी शामली को जांच कर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे जिलाधिकारी ने एसडीएम ऊन को जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश दिये थे एसडीएम ने जांच कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को दिनांक 20 अक्टूबर 2019 को दे दी थी इसके उपरांत जिलाधिकारी शामली ने स्वयं गांव चौसाना में जाकर रिपोर्ट का भौतिक सत्यापन किया था।  

    राजनीतिक हस्तक्षेप व भ्रष्टाचार के कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई क्योंकि आरोपी माफिया जिस पार्टी की सरकार आती है उसी पार्टी में चले जाते हैं

एसडीम रिपोर्ट के मुख्य 

 सुरेन्द्र सिंह, उपजिलाधिकारी, उन की दिनांक 20 अक्टूबर 2019 की 17 पेज की विस्तृत रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि चौसाना गांव में तत्कालीन ग्राम प्रधान पूर्व विधायक ठाकुर जगत सिंह के पिता बाबूराम के कार्यकाल में गम्भीर अनियमितताएं की गई हैं। बाहरी व्यक्तियों विशेष रूप से अपने सगे सम्बधियों को फर्जी रूप से चौसाना का निवासी एवं जाति बदलकर आवंटन किया जाना केवल अपात्रता को ही नहीं दर्शाता बल्कि अभिलेखों को तोड़-मरोड़कर अनुचित लाभ पहुंचाया गया और धोखाधड़ी की गई। सरकारी सम्पत्ति को हड़पने की प्रक्रिया में काफी लम्बे समय से अनुचित लाभ अर्जित किया गया है। इस मामले में तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पूर्व जांच रिपोर्टों का अवलोकन करने पर पाया गया है कि जगत सिंह पक्ष द्वारा चकबन्दी प्रक्रिया के दौरान अभिलेखों में काफी हेराफेरी सीलिंग से बचने के लिए और बेनामी नाम दर्ज कराने के प्रकरण सामने आए हैं। समस्त रिपोर्टों एवं अभिलेखों का अनुशीलन करने के उपरान्त यह तथ्य सामने आया है कि जगत सिंह पक्ष एवं उनके सगे सम्बन्धियों ने सरकारी भूमि को हड़पने तथा जिला पंचायत की सम्पत्ति पर कब्जा करने एवं कन्या पाठशाला की भूमि पर कब्जा करने व बेनामी आवंटन कराकर उसको न्यायिक प्रक्रिया में उलझा कर राज्य सरकार को काफी क्षति पहुंचाई है। यह प्रकरण शासनादेश के अन्तर्गत एन्टी भूमाफिया के अन्तर्गत आता है। गौरतलब है कि इस जमीन का भौतिक सत्यापन अध्यक्ष, राजस्व परिषद के द्वारा चाहा गया था जिसकी रिपोर्ट उपजिलाधिकारी, तहसील ऊन, जिला शामली द्वारा 20 मई 2019 को शामली जिलाअधिकारी मुख्यालय को प्रेषित की गई थी जिसमें यह तथ्य प्रकाश में आया था कि उक्त वादों से सम्बन्धित व्यक्ति ग्राम चैसाना तहसील ऊन के निवासी नहीं हैं तथा शिकायत सही पाई गई थी। इस रिपोर्ट के आधार पर मास्टर विजय सिंह ने राज्य सरकार से मांग की है कि 600 बीघा जमीन पर पूर्व विधायक ठाकुर जगत सिह एवं उसके भाई अजीत सिंह, कर्ण सिंह एवं पिता बाबूराम का अवैध का कब्जा साबित हुआ है इसलिए ठाकुर जगत सिंह को  भूमाफिया घोषित किया जाए। फर्जी मुकदमे व बेनामी मुकदमे लड़ने पर आपराधिक मुकदमे दर्ज किए जाए। सीलिंग एक्ट को लागू करके तुरन्त अन्य शेष जमीन निकाली जाए।  


सरकारी भूमि रिश्तेदारों के नाम  


रिपोर्ट के अनुसार पूर्व विधायक ठाकुर जगत सिंह ने अपने मामा महेन्द्र सिंह, मदनपाल सिंह, कंवरपाल सिंह को फर्जी रूप से चौसाना निवासी दर्शाकर लगभग 60 बीघे भूमि के पट्टे राजस्व रिकार्ड मे दर्ज कराए जबकि इनके मामा सोना अर्जुनपुर, ननौता सहारनपुर के निवासी हैं। बड़े किसान हैं, गांव के प्रधान भी रहे हैं। तथा ओमबीर, सतीश, सोमबीर पुत्रगण हरपाल सिंह के नाम भी लगभग 50 बीघे जमीन फर्जी के पट्टे के रूप में दर्ज की है, ये लोग जगत सिंह के भाई भीम सिंह के साले हैं। जनपद सहारनपुर गांव निहालखेड़ी, देवबन्द, सहारनपुर के रहने वाले हैं बडे किसान है राजपाल व रामकुमार पुत्र कृपाल सिंह को भी निवासी चौसाना तथा इनकी जाति कहार दर्शाकर लगभग 40 बीघे के अवैध पट्टे किए हैं। राजपाल व रामकुमार मूल रूप से थानाभवन के मनठ मन्टी के निवासी हैं, जो वर्तमान में सहारनपुर व दिल्ली रहते हैं। राजपाल एक डाक्टर हैं तथा पूर्व विधायक शशिबाला पुंडीर के पति है। रामकुमार दिल्ली में इंजीनियर हैं। जाति से राजपूत हैं तथा बड़े किसान हैं। तथा तस्दीक में इन्हें पट्टा होने की कोई जानकारी नहीं है। ये दोनों जगत सिंह की बहन मायावती के जेठ आदि हैं। विनोद कुमार पुत्र कामसिंह, नेत्रपाल पुत्र ब्रजपाल को भी चौसाना निवासी दर्शाकर अवैध पट्टा किया है। जो मनठ मन्टी के निवासी हैं। नेत्रपाल गन्ना समिति में बाबू हैं। सहारनपुर में निवास करते हैं। नेत्रपाल व विनोद की जाति नाई दिखाई है। जयसिंह, गजेसिंह, साधु लक्ष्मण के नाम भी अवैध पट्टा है जो बाबूराम के मामा हैं। पूर्व विधायक जगत सिंह की बहन मायावती के नाम भी लगभग 40 बीघा जमीन है। इनके नाम अवैध पट्टा किया गया था तथा गजे सिंह पुत्र सलामू की वसीयत भी फर्जी रूप से दर्ज कराई थी। यह भूमि भी बेनामी है। इस भूमि पर ठाकुर जगत सिंह का अवैध कब्जा है। मायावती के नाम 50 बीघा भूमि पर शौरनी की विरासत दर्ज कराई गई है जो अवैध है। मायावती शौरनी की वारिस कानूनन नहीं हो सकती।


जिला पंचायत की भूमि पर अवैध कब्जा

जिला पंचायत की 25 बीघा भूमि पर अवैध कब्जा दर्शाया है जो पूर्व में जिला परिषद के स्कूल की सम्पत्ति थी जिस पर जगत सिंह परिवार के भाई अजीत सिंह ने प्राइवेट प्रबन्ध समिति जयभारत इंटर कालेज स्थापना कर अवैध कब्जा किया हुआ हैं। इस भूमि पर लगभग वर्तमान में 70 दुकानें हैं। राजस्व अभिलेखों में जिला परिषद प्रबन्धक है जिसे फर्जी रूप से अधिकारियों की मिलीभगत से राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी कर दर्ज कराया है। इस भूमि पर ठाकुर जगत सिंह व उनके भाई अजीत सिंह स्कूल प्रबन्धक व पिता बाबूराम संरक्षक का अधिपत्य अनाधिकृत है। रिपोर्ट में जिला पंचायत अधिकारियों की भूमिका पर भी सवालिया निशान लगाए हैं। गौरतलब है इस रिपोर्ट से पूर्व भी कई जांच रिपोर्टों में सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जे की पुष्टि हुई है। कमिश्नर मेरठ जांच रिपोर्ट, आईजीसीबीसीआईडी, उत्तर प्रदेश जांच रिपोर्ट, अपर जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर, एसडीएम, कैराना व तहसीलदार कैराना की जांच रिपोर्ट प्रमुख है। 
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